वर / वधू की माँ विवाह का निमंत्रण देने अपने पीहर व ननिहाल जाती है. और उन्हें विवाह में सम्मिलित होने का निवेदन करती हैं।
अच्छा दिन देखकर भात, न्योतने जाते हैं।
इस मांगलिक कार्य के पहले हाथ में मेहंदी लगवाते हैं।
तैयारी
- एक थाली में आधी दूर चावल, आधी दूर मूँग सजाकर, उसके,
- ऊपर गुड़ की भेली रखकर सेलोफेन से पैक करते हैं।
- एक डब्बी में ५ सुपारी, ५ हल्दी की गाँठ, मूँग, चावल, रोली, सूखा धनिया, प्लास्टिक थैली में डालकर, डब्बी को कुसूमल कपड़े में बाँधते हैं।
- एक थाली में बिना नमक का पाँच तरह का मेवा रखते है।
- एक थाली में नारियल और गुट सजाकर रखते हैं
- नारियल भाई के तिलक के लिए।
- गुट भाभी के तिलक के लिए।
- सवा गज जरी का कपड़ा, सवा गुज लाल कुसुमल कपड़ा एक थाली में रखते हैं, इसे काप कहते हैं।
- एक नारियल नाल में लपेट कर रखते हैं. भाई के लिए।
- आधे कटे गुट में ७ हल्दी गाँठ, ७ सुपारी, मूँग, चावल, १०१ रुपया रखकरकस्मल कपड़े में बाँधते हैं भाभी के लिए।
- लड्डू, नेवगन, मिसरानी, व आदमियों के लिए रुपये के लिफाफे ।